CBSE में अब 10वीं में होंगे 10 सब्जेक्ट्स, प्रस्ताव भेजा: पढ़ाई के घंटों के क्रेडिट्स मिलेंगे
अभी तक 10th के स्टूडेंट्स को 5 सब्जेक्ट को पढ़ना जरूरी होता है।11वीं-12वीं में होंगे 7 सब्जेक्ट्स,नेटिव लैंग्वेज स्टूडेंट्स के लिए जरूरी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के लिए एजुकेशन स्ट्रक्चर में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत क्लास 10th में अब दो लैंग्वेज की जगह तीन लैंग्वेज पढ़ाई जाएंगी। इनमें कम से कम दो नेटिव लैंग्वेज (जैसे हिंदी, मराठी) शामिल होंगी। बोर्ड ने यह प्रस्ताव HRD मिनिस्टरी को भेजा है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा।
10th के स्टूडेंट्स को 10 पेपर देने होंगे
इस प्रपोजल में क्लास 10th के स्टूडेंट्स को अब 5 की बजाय 10 सब्जेक्ट में पास होना जरूरी होगा। अभी तक 10th के स्टूडेंट्स को 5 सब्जेक्ट को पढ़ना जरूरी होता है।
इसी तरह क्लास 12th के लिए दिए गए प्रपोजल में स्टूडेंट्स को 1 की बजाय 2 लैंग्वेज को पढ़ना होगा। इसमें कम से कम एक नेटिव इंडियन लैंग्वेज शामिल होनी चाहिए। इसका मतलब ये है कि बैचलर करने से पहले 5 के बजाय 6 सब्जेक्ट्स में एग्जाम पास करना जरूरी होगा।
सभी 10 सब्जेक्ट में पास होना जरूरी
इस प्रपोजल में तीन भाषाओं, गणित और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग, सोशल साइंस, साइंस और एनवायर्नमेंट एजुकेशन की परीक्षा की कॉपियां दूसरे सेंटर पर चेक होंगी। आर्ट एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन और बिजनेस एजुकेशन में इंटर्नल और एक्सटर्नल दोनों ही एग्जाम लिए जाएंगे।
स्टूडेंट्स को अगली क्लास में पहुंचने के लिए सभी 10 सब्जेक्ट में पास होना जरूरी होगा।
पढ़ाई के घंटों पर मिलेंगे क्रेडिट्स
CBSE ने स्टैंडर्ड स्कूल करिकुलम में फॉर्मल क्रेडिट सिस्टम का प्रपोजल दिया है। फॉर्मल क्रेडिट सिस्टम के अनुसार, अब स्टूडेंट्स के पढ़ाई के घंटों को क्रेडिट में बदला जाएगा। अभी एक एकेडमिक ईयर में 1200 नेशनल लर्निंग आवर्स (पढ़ने के घंटे) होते हैं। स्टूडेंट्स की अटैंड की हुई क्लासेज के अनुसार मिले क्रेडिट एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जुड़ जाएंगे।
11वीं-12वीं में होंगे 7 सब्जेक्ट्स
क्लास 11th और 12th के लिए पांच सब्जेक्ट (1 लैंग्वेज और 4 ऑप्शनल सब्जेक्ट) के बजाय स्टूडेंट्स को 2 लैंग्वेज और 5 ऑप्शनल सब्जेक्ट को पढ़ना होगा। दोनों लैंग्वेज में से एक नेटिव लैंग्वेज होनी जरूरी होगी।
बता दें कि बोर्ड की तरफ से 21 जुलाई 2023 को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें CBSE ने इंग्लिश मीडियम के साथ ही स्कूलों में क्लास 12th तक सब्जेक्ट के ऑप्शन में नेटिव लैंग्वेज को पढ़ाए जाने की शुरुआत की थी।
नेटिव लैंग्वेज स्टूडेंट्स के लिए जरूरी
CBSE ने कहा था कि ये फैसला उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को देखते हुए किया है, ताकि स्टूडेंट्स के लिए लैंग्वेज को पढ़ने पर जोर दिया जा सके। इसे स्टूडेंट्स को नेटिव लैंग्वेज (मातृभाषा) के साथ कई और लैंग्वेज सिखाए जाने की पहल माना जा रहा है।
CBSE बोर्ड ने 21 जुलाई को एक नोटिस में इस पर विचार करने की बात कही थी। इसके बाद ही एजुकेशन मिनिस्ट्री ने NCERT को 22 लैंग्वेज में सिलेबस तैयार करने के लिए गाइडलाइन जारी की थी।
सीबीएसई बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षा में हर साल 30 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल होते हैं।
दो महीने पहले CBSE ने बदला था ग्रेडिंग सिस्टम
CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन) ने दो महीने पहले ऐलान किया था कि 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट में परसेंटेज यानी एग्रीगेट मार्क्स जारी नहीं करेगा। इसके अलावा अगले साल से रिजल्ट के साथ डिवीजन (फर्स्ट, सेकंड या थर्ड डिवीजन) और डिस्टिंक्शन भी जारी नहीं की जाएगी। अब रिजल्ट में सिर्फ CGPA (कम्युलेटिव ग्रेड पॉइंट एवरेज) यानी ग्रेड पॉइंट्स ही मिलेंगे।
क्या-क्या बदलेगा?
प्रस्ताव के मुताबिक, कक्षा 10 की ही तरह कक्षा 12 के स्टूडेंट्स को अब एक की जगह दो भाषाएं पढ़नी पड़ सकती हैं. इसमें भी ये शर्त है कि कम से कम एक भाषा, भारत की मूल भाषा होनी चाहिए. साथ ही उन्हें बारहवीं की परीक्षा पास करने के लिए 5 की जगह अब 6 विषयों की परीक्षा पास करनी पड़ सकती है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रस्ताव में शामिल ये नए बदलाव, CBSE की क्रेडिट फ्रेमवर्क शुरू करने की व्यापक पहल का हिस्सा हैं. प्रस्ताव के मुताबिक, क्रेडिटाइजेशन का उद्देश्य, अकादमिक स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा और सामान्य शिक्षा के बीच बराबरी लाना है, ताकि स्टूडेंट्स के लिए दोनों तरीके की शिक्षा प्रणालियों को गति मिल सके. ये उद्देश्य, साल 2020 में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) में भी प्रस्तावित हैं.