Paytm Crisis 2024: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर क्या करोड़ों यूजर्स के लिए जरूरी खबर

Paytm Crisis 2024: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर क्या करोड़ों यूजर्स के लिए जरूरी खबर

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक 15 मार्च तक अपने खाते स्थानांतरित करें: आरबीआईPaytm Crisis 2024: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर क्या करोड़ों यूजर्स के लिए जरूरी खबर

केंद्रीय बैंक ने पीपीबीएल के ग्राहकों और आम जनता की सुविधा के लिए 30 बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) की एक सूची भी जारी की है. इसमें कई बिंदुओं पर स्थिति साफ कर दी गई है. एफएक्यू के मुताबिक, ’15 मार्च, 2024 के बाद पीपीबीएल ग्राहक अपने खाते में पैसा जमा नहीं कर पाएंगे.

 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुश्किलों में घिरी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के ग्राहकों और उससे जुड़े कारोबारियों को अपने खाते 15 मार्च तक अन्य बैंकों में स्थानांतरित करने की शुक्रवार को सलाह दी. इस तरह पेटीएम पेमेंट्स बैंक को जमा एवं निकासी से जुड़े लेनदेन समेत अपने ज्यादातर परिचालन को बंद करने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है.

Paytm Crisis 2024: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर क्या करोड़ों यूजर्स के लिए जरूरी खबर

इसके पहले आरबीआई ने पीपीबीएल को 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उत्पाद, वॉलेट और फास्टैग में जमा या ‘टॉप-अप’ यानी ‘रिचार्ज’ स्वीकार नहीं करने का आदेश दिया था. केंद्रीय बैंक ने बार-बार नियामकीय प्रावधानों का उल्लंघन करने की वजह से 31 जनवरी को पीपीबीएल के खिलाफ यह सख्त निर्देश जारी किया था.

हालांकि, आरबीआई ने पीपीबीएल के ग्राहकों और संबंधित कारोबारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 15 दिनों का अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है. इससे उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था करने में सहूलियत होगी. इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि पीपीबीएल ग्राहक अपने खातों (बचत बैंक खाते, चालू खाते, प्रीपेड उपकरण, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) से शेष राशि की निकासी या उपयोग 15 मार्च के बाद भी कर सकेंगे. यह सुविधा तभी तक उपलब्ध होगी, जबतक संबंधित खाते में पैसा रहेगा.

Paytm Crisis 2024: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर क्या करोड़ों यूजर्स के लिए जरूरी खबर

केंद्रीय बैंक ने पीपीबीएल के ग्राहकों और आम जनता की सुविधा के लिए 30 बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) की एक सूची भी जारी की है. इसमें कई बिंदुओं पर स्थिति साफ कर दी गई है. एफएक्यू के मुताबिक, ’15 मार्च, 2024 के बाद पीपीबीएल ग्राहक अपने खाते में पैसा जमा नहीं कर पाएंगे. ब्याज, कैशबैक, साझेदार बैंकों से स्वीप-इन या रिफंड के तौर पर मिलने वाली रकम के अलावा किसी भी तरह की राशि को जमा करने की अनुमति नहीं है.’

ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को सुझाव दिया है कि वे असुविधा से बचने के लिए 15 मार्च, 2024 से पहले किसी अन्य बैंक के साथ वैकल्पिक व्यवस्था कर लें. इसके अलावा साझेदार बैंकों में रखी पीपीबीएल ग्राहकों की मौजूदा जमा राशि को शेष राशि की सीमा (प्रति व्यक्तिगत ग्राहक दो लाख रुपये) के अधीन पीपीबीएल के खातों में वापस लाया जा सकता है. लेकिन 15 मार्च, 2024 के बाद पीपीबीएल के माध्यम से भागीदार बैंकों के साथ कोई नई जमा नहीं स्वीकार की जा सकती है.

इसके साथ ग्राहक 15 मार्च के बाद वेतन और पेंशन भी पीपीबीएल खातों में जमा नहीं कर पाएंगे. पीपीबीएल के माध्यम से मासिक किस्त या ओटीटी सदस्यता का भुगतान करने वाले ग्राहकों को भी वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी.

एफएक्यू के मुताबिक, पीपीबीएल का वॉलेट रखने वाले ग्राहक 15 मार्च के बाद भी वॉलेट में राशि उपलब्ध रहने तक उसका इस्तेमाल जारी रख सकते हैं. टोल संग्रह में इस्तेमाल होने वाले फास्टैग पर आरबीआई ने कहा है कि पीपीबीएल के फास्टैग में कोई भी राशि रहने तक टोल का भुगतान करने के लिए उनका उपयोग जारी रख सकता है.

लेकिन 15 मार्च, 2024 के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक की तरफ से जारी फास्टैग में और पैसे डालने या टॉप-अप की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसने ग्राहकों को 15 मार्च, 2024 से पहले किसी अन्य बैंक द्वारा जारी नया फास्टैग खरीदने की सलाह दी है.

Paytm Crisis 2024: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर क्या करोड़ों यूजर्स के लिए जरूरी खबर

इस बीच रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल खाते या वॉलेट से जुड़े पेटीएम क्यूआर कोड, पेटीएम साउंडबॉक्स, पेटीएम पीओएस टर्मिनल के जरिये भुगतान लेने वाले दुकानदारों को भी सतर्क करते हुए कहा है कि वे 15 मार्च के बाद इस सेवा का लाभ नहीं उठा पाएंगे और उन्हें अन्य विकल्पों की तलाश करनी चाहिए.

हालांकि दुकानदार सेवा प्रदाता के माध्यम से अपने बैंक खाते का ब्योरा भी बदल सकते हैं. अगर पेटीएम क्यूआर कोड, पेटीएम साउंडबॉक्स या पेटीएम पीओएस टर्मिनल किसी अन्य बैंक खाते से जुड़ा हुआ है तो यह व्यवस्था 15 मार्च के बाद भी जारी रहेगी.

Paytm Crisis 2024: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर क्या करोड़ों यूजर्स के लिए जरूरी खबर

इस बीच, पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय शेखर शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘पेटीएम क्यूआर, साउंडबॉक्स और ईडीसी (कार्ड मशीन) 15 मार्च के बाद भी हमेशा की तरह काम करते रहेंगे… किसी भी अफवाह या भ्रम में न पड़ें. कोई भी आपको डिजिटल इंडिया की हिमायत करने से नहीं रोक सकता है!’

आरबीआई ने पीपीबीएल पर यह सख्त कदम उठाने के पहले मार्च, 2022 में उसे नए ग्राहकों को शामिल करने से रोक दिया था. पेटीएम ब्रांड की मूल कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस की पीपीबीएल में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, लेकिन वह इसे अपनी अनुषंगी न बताकर एक सहयोगी बताती है.

Paytm FASTag का इस्तेमाल कर रहे करोड़ों यूजर्स के लिए जरूरी खबर, NHAI ने लिया ये बड़ा फैसला

Paytm Crisis: आईएचएमसीएल ने कहा कि वह ‘फास्टैग’ यूजर्स को आरबीआई दिशानिर्देशों के तहत लेटेस्ट ‘फास्टैग’ केवाईसी (FASTag KYC Update) प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

 

अगर आप पेटीएम फास्टैग (Paytm Fastag) इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की टोल कलेक्शन युनिट भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Ban) को फास्टैग सर्विस के लिए ऑथराइज्ड बैंकों की लिस्ट से बाहर कर दिया है. हाईवे से होकर गुजरने वाले लोगों को परेशानी से बचाने के लिए ये फैसला लिया गया है.

इसके अलावा NHAI ने 32 ऑथराइज्ड बैंकों से ‘फास्टैग’ सेवाएं लेने की सलाह दी है. आईएचएमसीएल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए लिखा अपना ‘फास्टैग’ 32 ऑथराइज्ड बैंकों से खरीदें. इन 32 ऑथराइज्ड बैंकों में एयरटेल पेमेंट्स बैंक, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और यस बैंक शामिल हैं.

आईएचएमसीएल ने कहा कि वह ‘फास्टैग’ यूजर्स को आरबीआई दिशानिर्देशों के तहत लेटेस्ट ‘फास्टैग’ केवाईसी (FASTag KYC Update) प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम की इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उत्पाद, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का 31 जनवरी को निर्देश दिया था. केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा था कि यह निर्देश लगातार निरंतर गैर-अनुपालन के बाद दिया गया.

 

 

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