Site icon

हरियाणा में नायब सरकार:डीप्टी सीम दुष्यंत चौटाला साढ़े 4 साल में हुए रिटायर और किसे मिली कैबिनेट में जगह

हरियाणा में नायब सरकार:डीप्टी सीम दुष्यंत चौटाला साढ़े 4 साल में हुए रिटायर और किसे मिली कैबिनेट में जगहहरियाणा में नायब सरकार:डीप्टी सीम दुष्यंत चौटाला साढ़े 4 साल में हुए रिटायर और किसे मिली कैबिनेट में जगह

हरियाणा विधानसभा का समीकरण क्या होगा

नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के नए सीएम के तौर पर शपथ ली है. उनके साथ पांच नेताओं ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली.

Haryana New Cabinet Oath Ceremony: लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को काफी हलचल देखने को मिली. एक नाटकीय घटनाक्रम में बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूटने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके कुछ देर बाद बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष और सांसद नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

नायब सिंह सैनी के साथ ही कंवरपाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, चौधरी रणजीत सिंह चौटाला, जय प्रकाश दलाल और बनवारी लाल ने मंत्री पद की शपथ ली. नायब सैनी (54) को मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है. अक्टूबर के अंत में मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर का दूसरा कार्यकाल खत्म होना था.

ये हैं हरियाणा कैबिनेट में शपथ लेने वाले मंत्री

कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले कंवरपाल गुर्जर जगाधरी से बीजेपी विधायक हैं. वे खट्टर सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे. साथ ही 2014-2019 तक हरियाणा विधानसभा के स्पीकर भी रहे हैं. मूलचंद शर्मा बल्लभगढ़ से बीजेपी के विधायक हैं. वे पिछली सरकार में भी मंत्री थे.

दुष्यंत चौटाला के दादा भी बने मंत्री

चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है. चौधरी रणजीत सिंह पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल के बेटे हैं और हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के दादा लगते हैं. उन्होंने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में रानिया की सीट निर्दलीय के रूप में जीती थी. चुनाव के बाद बीजेपी का समर्थन किया और खट्टर सरकार में मंत्री बने.

जय प्रकाश दलाल हरियाणा की लोहारू सीट से बीजेपी के विधायक हैं. वे खट्टर सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. वहीं बनवारी लाल बावल सीट से बीजेपी के विधायक हैं और पिछली खट्टर सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

हरियाणा में सियासी बदलाव

इससे पहले, बीजेपी विधायक दल की बैठक में सैनी को नेता चुना गया. बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब देब मौजूद थे. नेता चुने जाने के बाद सैनी ने खट्टर और अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का बड़ा दांव

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं. पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा गया था. राज्य में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है. माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है.

हरियाणा विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी. मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री और जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने.

हरियाणा विधानसभा का समीकरण क्या है?

वर्तमान में, 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के 41 विधायक और जजपा के 10 विधायक हैं. इस गठबंधन को सात में से छह निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त था. आंकड़ों के लिहाज से, बीजेपी सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक सीट है.

 

Exit mobile version